Are Radharani and Lakshmi devi the same person?
From: satya dev das
Answer Podcast
Answer Podcast Hindi
Transcription by: Nirmala Shorewala Mataji (Kaithal)
प्रश्न: क्या राधा रानी और लक्ष्मी देवी एक ही व्यक्ति हैं?
उत्तर: ये दोनों एक हैं भी और नहीं भी। व्यक्तित्व के दृष्टिकोण से वे दोनों एक ही हैं, किन्तु भाव के दृष्टिकोण से वे अलग-अलग हैं।
दोनों ही सौभाग्य की देवी हैं और किसी एक की कृपा से भी हम मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। दोनों के पास वह अन्तःशक्ति है, जिससे वे हमें इस भौतिक जगत से मुक्ति दिला सकती हैं। तो इस मायने में वे एक हैं।
किन्तु भाव के दृष्टिकोण से वे अलग-अलग हैं। लक्ष्मीदेवी का भाव एक रानी की तरह ऐश्वर्य का भाव है, जबकि राधा रानी और गोपियों का ग्रामीण ग्वाल-बालाओं का भाव है।
वृन्दावन में बेलवन में लक्ष्मी देवी का एक मन्दिर है। वहाँ लक्षमीदेवी तपस्या कर रही हैं। उनकी तीव्र इच्छा है कि वे भी वृन्दावन की रासलीलाओं में भाग ले सकें और इसीलिए वे वहाँ तपस्या कर रही हैं। जब लक्ष्मी देवी ने श्रीकृष्ण से विनती की कि मुझे आपकी लीलाओं में भाग लेना है, तो कृष्ण ने उनसे कह कि इसके लिये उन्हें गोपियों का भाव अपनाना होगा और उनकी सेवा करनी होगी । लक्ष्मी देवी को ये बात कठिन लगी और इसलिए उन्होंने तपस्या की ताकि वे ऐसा भाव प्राप्त करें और वृन्दावन की लीलाओं में प्रवेश पाऐं।
इस प्रकार की लीलाओं से हमें ज्ञात होता है कि इन दोनों के भाव में अंतर है। इस कारण हमें ऐसा लग सकता है कि ये दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं। किन्तु तत्वतः वे एक ही व्यक्ति हैं। वे दोनों अलग-अलग भावों में श्रीकृष्ण के साथ प्रेम का आदान प्रदान करतीं हैं।
इन दोनों के बीच का अंतर वैसा ही है जैसे विष्णु जी और श्रीकृष्ण के बीच। भगवान जब सृष्टि का कार्यभार देखते हैं तो वे विष्णु कहलाते हैं किन्तु जब भगवान अपने धाम में अपने अंतरंग पार्षदों के साथ अंतरंग लीलाऐं करते हैं तो वे श्रीकृष्ण कहलाते हैं। विष्णु जी के लिए हम कहते हैं God at office और श्रीकृष्ण के लिए कहते हैं God at home। ठीक वैसे ही लक्ष्मी देवी राजा के दरबार की रानी हैं और श्रीमती राधा रानी श्री कृष्ण के कक्ष की रानी। कोई साधारण व्यक्ति किसी एक समय में किसी एक ही स्थान पर हो सकता है। किन्तु लक्ष्मी देवी और राधारानी दोनों अलग-अलग स्थान पर एक ही समय पर उपस्थित रह सकती हैं।
End of transcription.